कलियुग का अंत हो चुका है। शास्त्रीय धारा एवं मनुस्मृति के आधार पर विशेष रूप से चार युग ही होते है। उन युगों के नाम…
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्प ।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्ध ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।
क्या भगवान महाविष्णु का कल्कि अवतार जन्म ले चुका है?
सत्य, शांति, करुणा और क्षमा से भरी नई दुनिया के लिए तैयार हो जाइए।
जब भी धरती पर मानवता और नैतिक मूल्यों का पतन होता है, धर्म बर्बरता और क्रूरता के प्रभाव में कमजोर प्रतीत होता है, और जब भी मानव जाति के अस्तित्व पर खतरा मंडराता है, तब भगवान विष्णु अधर्म का नाश करने, अपने भक्तों की रक्षा करने और शांति व धर्म की पुनः स्थापना के लिए अवतार लेते हैं।
भागवत महापुराण के अनुसार, भगवान विष्णु कलियुग के अंत में कल्कि अवतार के रूप में अवतरित होंगे।
भविष्य मलिका शास्त्र, जिसे भगवान जगन्नाथ की कृपा से पाँच संतों (पंच सखा) ने 600 वर्ष पूर्व लिखा था, के अनुसार कलियुग 5000 वर्षों का होने पर समाप्त होगा।
इस दिव्य मलिका शास्त्र के अनुसार, वर्तमान समय संधि युग (अनंत युग) में चल रहा है, जो कलियुग के अंत और सत्ययुग के प्रारंभ के बीच आता है और जिसे आद्य सत्ययुग भी कहा जाता है।
सत्य, त्रेता और द्वापर युग के भक्त कलियुग की संध्या में जन्म लेंगे, ताकि वे कल्कि विष्णु की सेवा कर सकें और नए सत्ययुग एवं सत्य सनातन धर्म की स्थापना में अपना योगदान दे सकें।