**गीत गोविन्द-जय देव कृत**
श्रितकमलाकुच मण्डल धृतकुण्डल ए।
कलितललित वनमाल जय जय देव हरे॥
दिनमणिमण्डल मण्डन भवखण्डन ए।
मुनिजनमानस हंस जय जय देव हरे ॥
कालियविषधर गंजन जनरंजन ए।
यदुकुलनलिन दिनेश जय जय देव हरे ॥
मधुमुरनरक विनाशन गरुडासन ए।
सुरकुलकेलि निदान जय जय देव हरे ॥
अमलकमलदल लोचन भवमोचन ए।
त्रिभुवनभवन निधान जय जय देव हरे ॥
जनकसुताकृत भूषण जितदूषण ए।
समरशमितदश कण्ठ जय जय देव हरे ॥
अभिनवजलधर सुन्दर धृतमन्दर ए।
श्रीमुखचन्द्र चकोर जय जय देव हरे ॥
तव चरणे प्रणता वयमिति भावय ए।
कुरु कुशलंव प्रणतेषु जय जय देव हरे ॥
श्रीजयदेवकवेरुदितमिदं कुरुते मृदम् ।
मंगलमंजुल गीतं जय जय देव हरे ॥
राधे कृष्णा हरे गोविंद गोपाला नन्द जू को लाला ।
यशोदा दुलाला जय जय देव हरे ॥