कलियुग का अंत हो चुका है। शास्त्रीय धारा एवं मनुस्मृति के आधार पर विशेष रूप से चार युग ही होते है। उन युगों के नाम हैं- पहला सतयुग, दूसरा त्रेतायुग, तीसरा द्वापरयुग और चौथा कलियुग है। इन चार युगों के बाद एक गुप्त युग भी आता है जिसको अनंत युग या आद्य सतयुग कहते हैं और यह प्रमाणित किया गया है। इसका प्रमाण मुख्यत: पंचसखाओं द्वारा लिखे गए भविष्य मालिका ग्रंथ में उपलब्ध है। जिसको आज भी लोग नहीं जानते हैं। परंतु ये गूढ़ तत्व सम्पूर्ण विश्व के मानव समाज के उद्धार के लिए नितांत आवश्यक है।
शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है, लेकिन उसका प्रभाव सम्पूर्ण विश्व में अभी भी पूरी तरह से फैला हुआ है। इस समय कलियुग की अंतिम अवस्था चल रही है। इसलिए सम्पूर्ण विश्व के मानव समाज को कलि ने पूर्ण रूप से ग्रसित कर रखा है। विशेष रूप से संसार में यह देखने को मिलता है की भाई-भाई के बीच, पति-पत्नी के बीच, परिवार-परिवार के बीच, गांव-गांव के बीच, राज्य-राज्य और देश-देश को कलि ने अपने प्रभाव में ले रखा है। समग्र विश्व आज जरा ग्रस्त है। रोग और महामारी ने संपूर्ण विश्व को कवलित कर रखा है। बिना औषधि के सेवन से मनुष्य समाज का जीवित रहना आज मुश्किल हो गया है। आने वाले अगले 8 वर्ष के भीतर सम्पूर्ण विश्व बहुत सी भयानक आपदाओं का सामना करने जा रहा है।
1. तृतीय विश्वयुद्ध
2. खाद्य संकट
3. पवन प्रलय
4. जल प्रलय
5. अग्नि प्रलय
6. भुकंप
7. दुर्भिक्ष
8. अनजान बीमारी/महामारी
और आगे सन् “2025” में जब मीन राशि में शनि का गोचर होगा, तब ये सभी आपदाएं अपना तीव्र रूप धारण कर लेंगी। आने वाले समय में सभी वैज्ञानिक यंत्र, कम्प्यूटर ,सैटेलाइट आदि सब कुछ अचल (स्थिर) हो जायेंगे।वर्तमान समय में सभी के मन में यह सवाल है की मनुष्य समाज की सुरक्षा कैसे होगी और मनुष्य का भविष्य क्या होगा। इन सब प्रश्नों का उत्तर जिस ग्रंथ में वर्णित है, उस अमूल्य ग्रंथ का नाम है “भविष्य मालिका” ग्रंथ।
इस भविष्य मालिका ग्रंथ की सभी पुस्तकों को आज से 600 वर्ष पूर्व ओडिशा में जन्मे पंचसखाओं के द्वारा ओड़िया भाषा में लिखा गया है। इसीलिए आज तक ये गुप्त ग्रंथ लोगों के सामने नहीं आ पाया है। महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की अपार कृपा से हमारे यूट्यूब (You Tube) चैनल कल्कि अवतार के माध्यम से हिंदी भाषा में सन् “2018” से “भविष्य मालिका “का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वर्तमान समय में भगवान के निर्देश पर भविष्य मालिका को उपलब्ध कराते हुए अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती जैसे भारत की और भी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद और संस्करण किया जा रहा है।
इस ग्रंथ में वर्णित नीति और नियमों का जो लोग पालन करेंगे वही लोग कलियुग से सतयुग में प्रवेश करने में सक्षम होंगे और तभी जिस उद्देश्य से पंचसखाओं द्वारा महाप्रभु के निर्देश का पालन करते हुए “भविष्य मालिका” ग्रंथ की रचना की गई, उसका उद्देश्य सफल होगा और मानव समाज के कल्याण हेतु बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। केवल मालिका ग्रंथ के माध्यम से ही विश्व में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार होगा और भक्तों का एकत्रीकरण होगा तथा अंत में एक ही सनातन धर्म सम्पूर्ण विश्व में रहेगा। उक्त भविष्य मालिका ग्रंथ को हम विश्व के सभी साधु, संत, ज्ञानी, सज्जनों और भक्तों को उद्धार के उद्देश्य से इस वेबसाईट के द्वारा समर्पित करते हैं।
“जय जगन्नाथ”