Author: Ashish Vyas

आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व श्री जगन्नाथजी की पावन भूमि, ओडिशा में भगवान श्रीहरि के नित्य पंचसखाओं (पांच परम मित्रों व भक्तों) ने एक बार पुनः जन्म लिया। उन्होंने ताड़ के पत्तों पर लिखी अपनी ग्रंथावलियों में भविष्य में होने वाली घटनाओं की विस्तृत भविष्यवाणियां कीं, जो उनकी समाधि के बाद से ही एक-एक कर सत्य सिद्ध हो रही हैं। उनकी वह ग्रंथमाला ‘भविष्य मालिका’ के नाम से जानी जाती है, जिसका प्रचार-प्रसार आज विभिन्न भाषाओं में हो रहा है। ‘पंचसखा’ सभी चार युगों में जन्म लेते और हरिभक्ति का प्रचार-प्रसार करते आये हैं। हर युग में इनके नाम…

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महापुरुष अच्युतानंद दास व महापुरुष अभिराम परमहंस जी के द्वारा मालिका में लिखी कुछ पंक्तियां व तथ्य- “दुर्गा माधबंक खेल देखीबाकू आखर हेलाणी बेल,  कहे अभिराम कालजे अधम छप्पने सरीब खेल।  दुष्टनकु नासिबे संथनकु पालिबे केते कथा बिचारिबे,  जाजनग्रे सरबे मिलित होईबे बसिब सुधर्मा सभा।” अर्थात –  उड़ीसा में जन्मे पंच सखाओं में अन्यतम महापुरुष अभिराम परमहंस ने अपनी मालिका ग्रंथ में लिखा है की माँ दुर्गा (शक्ति) व माधब (कल्कि) के द्वारा धर्मसंस्थापना के कार्य सम्पन्न होंगे। बिरजा क्षेत्र पर प्रभु के नेतृत्व में सुधर्मा सभा बैठेगी, व सुधर्मा सभा में दुष्टों के विनाश व धर्म की स्थापना…

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महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियां व तथ्य- निकट भविष्य में होने वाले परमाणु विश्वयुद्ध के विषय में मालिका में वर्णित कुछ विशेष पंक्तियां… “गोली गोला तपकमान बरसिब गोटी गोटिके जाण आकाशों मार्गरु बोमा जानू छाड़िन।” अर्थात–  तीनों ओर से आक्रमण होगा जल, थल और आकाश मार्ग से। “परमाणु जे बोमा करि देबेटी जमा पोड़िये जालिये देबापाई भारत सिमा।” अर्थात–  कई तरह के परमाणु बमों से भारत को क्षति पहुंचाने की चेष्टा की जायेगी। जब यह समाचार भक्तों को मिलेगा तब सारे भक्त मिलकर भगवान के शरण में जाएंगे। फिर से महापुरुष…

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भगवान व्यास जी के द्वारा भगवान कल्कि के जन्म व जन्मस्थान के विषय में महाभारत में लिखी पंक्ति व तथ्य- भगवान व्यास ने महाभारत में भगवान कल्कि के जन्म के विषय में इस प्रकार से लिखा है… संभल ग्राम मुख्यष्य ब्राह्मणस्यो महात्मन, भवने विष्णु यशस्य कल्कि प्रादुर्भाविष्यति। अर्थात –  भगवान कल्कि संभल ग्राम के मुख्य ब्राह्मण के घर में जन्म लेंगे, अर्थात भगवान विष्णु का यशगान करने वाले अति पवित्र ब्राह्मण के घर पर भगवान कल्कि का जन्म होगा। वर्तमान में मनुष्यों के मन में एक द्वन्द्व है कि भगवान कल्कि का जन्म विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर पर होगा…

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