महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी गयी भविष्य मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “कहु अछिहेतु करी सुण सुज्ञ जने, कलीरे कलंकी रूप हेबे भगवान, कपटरे करूछन्ति लीला एसँसारे कपटरे।” अर्थात – महापुरुष ने मालिका की रचना किसी साधारण मानव के लिए नही की है अपितु जो भक्त हैं, जो पवित्र हैं और जिनमे सद्बुद्धि है, उन्हीं पवित्र भक्तों के पूर्व जन्मों के संस्कार को स्मरण करवाने के लिए की है। कलियुग के अंत समय मे भगवान कल्कि के अवतरण के विषय में भक्तों को अवगत कराने के लिए भविष्य मालिका की रचना की गई है।…
Author: Satyanarayan Srivastava
महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी भविष्य मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “बचिहिर चरणनख छटार महिमा रख्य संख्या कल्पे कल्पी नपारिले ब्रह्माजे।” अर्थात – प्रभु के अभय पादपद्म के नखों की महिमा का सम्पूर्ण वर्णन तो ब्रह्मांडों के सृजनकर्ता स्वयं ब्रह्माजी भी नही कर पाये हैं तो उन मधुसूदन भगवान की महिमा का वर्णन मैं तुच्छ भला कैसे कर सकता हूँ। केवल प्रभु की भक्ति में स्वयं को विलीन कर पाने पर ही प्रभु की दया व आशीर्वाद की प्राप्ति संभव है। कोई स्वयं को कितना भी बड़ा क्यों ना कर ले पर प्रभु की महिमा…
महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा वैष्णव धर्मी भक्तों के लिए भविष्य मालिका में लिखी कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “चोराईण नाबेले श्रीवृन्दावनरे प्रभुंक संगरे दलु , दाम सुदाम सुबल श्रीभछ पंचसखा संगेतिलु।” अर्थात्- महापुरुष अच्युतानंद जी कहते हैं कि द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण के साथ हम सभी पंचसखा (दाम, सुदाम, सुबल, सुबाहु, सुभछ) गैया चराने वृंदावन को गये थे। महापुरुष अच्युतानंद जी द्वापरयुग में वृंदावन में घटित एक घटना के विषय में कहते हैं… “दिवस अवस हुअन्ते प्रबेस उत्तरा बाहूड़ा बेले गोपी गोपाल गोबच्छा सहिते सदने आसिबा बेले।” “ताहदेखिक आदिपूर्ण शसी सकती प्रकासी लह-लह जीवा कले,…
महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- द्वापरयुग में महाभारत के महासंग्राम में भाग लेने वाले महापराक्रमी योद्धाओं का कलियुग के अंत में अर्थात अभी वर्तमान समय में पुनः जन्म हो चुका है। वे सभी योद्धा भगवान् कल्कि के धर्म स्थापना कार्य में अपना सहयोग देंगे। आने वाले समय में होने वाले तृतीय विश्वयुद्ध में वे सभी योद्धा अपने पराक्रम और भगवान कल्कि के आशीर्वाद से भारत पर बुरी दृष्टि रखने वाले विदेशी सेनाओं का विनाश करेंगे। इस प्रकार महाभारत युद्ध की एक बेला का संग्राम जो किसी कारणवश पूर्ण नही…
महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा भविष्य मालिका में लिखी कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “निराकार कर्म धर्म करिष्ट, इस्लाम,बौद्ध,जैन सरबे पड़िबे भाजी दम्भ गर्ब तांको जिबटी हजिलो जाइफलरो सुन्यबादी सुन्य हेबेगांजी।” अर्थात् – कलियुग अंत के समय एक ऐसा समय आएगा जब विश्व के सभी धर्मों के पवित्र लोग जो सत्यमार्गी और धर्मी होंगे वो अपने निज धर्मों को त्याग कर सत्य सनातन धर्म को अपनाएंगे। उस समय तक उन सभी का अहंकार नष्ट हो जाएगा। इन्ही अन्य धर्मों के जो पापी लोग होंगे उन सभी का धर्मसंस्थापना के लिये हो रहे विनाश में पंचभूत प्रलय के कारण अंत…
* सुधर्मा महा- महा संघ * ।। जय श्री माधब ।। भगवान कल्कि राम श्री श्री श्री सत्य अनंत माधव को प्राप्त करने के लिए प्रभु के दिए हुए पाँच महान वाणियों का पालन करें :- १. बात मानना सीखिए २. प्रतीक्षा करना सीखिए ३. प्रेम करना सीखिए ४. उपवास करना सीखिए ५. सत्य बोलना सीखिए -:सत्संग:- ॐ’ कार (३बार) ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः…
महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी भविष्य मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “तेरह टोपिया हेबे भेंट प्रथम गुलटी प्रकट।” अर्थात – जब पाकिस्तान व विश्व के अन्य तेरह मुस्लिम देश एकजुट हो जाएंगे, उस समय से भारत व पाकिस्तान का युद्ध आरंभ हो जायेगा। वर्तमान समय में मुस्लिम देशों के द्वारा कई विषयों पर लगातार भारत को घेरने की शुरुआत स्पष्ट दिखाई पड़ती है। भारत के विरुद्ध कई मुस्लिम देशों की एकजुटता भी देखी जा रही है। भारत को घेरने के लिए तुर्की व पाकिस्तान के द्वारा एक संगठन बनाने की बात भी सुनी जा रही…
भविष्य मालिका की सत्यता को प्रमाणित करती महाभारत में भगवान व्यास के द्वारा लिखी पंक्ति- भगवान व्यास नें महाभारत के वनपर्व पर कलियुग में भगवान के धरावतरण के विषय में लिखा था… “सम्भूत संभल ग्रामे ब्राह्मण बसती सुभे।” चतुर्युगों में केवल सतयुग में श्री भगवान नें अप्राकृतिक तरीके से दिव्य तन धारण किया था क्योंकि सतयुग में धर्म के चार पैर होते हैं। त्रेता व द्वापर में प्रभु नें प्राकृतिक नियम के अनुसार माँ के गर्भ से जन्म लिया था। कलियुग में भी स्वयं के द्वारा निर्मित प्रकृति के नियम के अनुसार जगतपति भगवान श्री हरि अपनी माता…
महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी भविष्य मालिका की एक दुर्लभ पंक्ति व तथ्य- मालिका में विश्वयुद्ध के समय सम्पूर्ण विश्व की परिस्थिति और कौन से देश भारत के पक्ष में होंगे और कौन से देश विपक्ष में इसकी जानकारी इस प्रकार से वर्णित है। “पूर्ब पश्चिम रंग बर्न हेब गिरी मालाचम कीव लोहा, कहना मानो भारोते भूलिब रूसिया शासन हेबो।” अर्थात – विश्व के पूर्व और पश्चिम के सभी देशों में घोर संग्राम होगा। विश्व में हर तरफ दीपावली की आतिशबाजी के समान रौशनी दिखेगी। हर तरफ हाहाकार मचेगा। कहीं भी शांति नही होगी। युद्ध…
महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा मालिका में लिखी एक दुर्लभ पंक्ति- “सेही बेला काला जाणी, ओडिशा रे प्रभु जन्मिबे पुनि। लो जाइफललो केही, तांको मायांकोनाचिन्हि।।” अर्थात – कलियुग व अनंत युग के मध्य, निश्चित समय पर संधिकाल के समय, पाप व अनाचार को मिटाने के लिए और संहार कार्य को परिपूर्ण करने के लिए धरती और वसु माता की रक्षा के लिए धर्म के उद्धार के लिये भगवान कल्कि राम माधव महाप्रभु उड़ीसा के पवित्र भूमि पर अवतार ग्रहण करेंगे। भगवान की माया को कोई भी समझ नही पायेगा। सभी के मन मे यह बात आयेगी की…