शास्त्रों में सत्य, त्रेता, द्वापर और कलियुग चार युगों का वर्णन है। भगवान महाविष्णु ने उपरोक्त चार युगों में 24…
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महात्मा पंचसखाओ ने भविष्य मालिका की रचना भगवान निराकार जगन्नाथ जी के निर्देश से की थी। भविष्य मालिका में मुख्य…
शास्त्रीय मत के अनुसार, भगवान के दसवें अवतार या कल्कि अवतार “संबल के गाँव में” जन्म लेंगे। यह तथ्य का उल्लेख, श्रीमद्…
पंच सखाओं द्वारा लिखित भविष्य मालिका ग्रंथ के अनुसार, कलियुग में, भगवान के तीन अवतार इस धरा धाम में अवतीर्ण…
सत्ययुग में भगवन विष्णु ने अवतार ले के संसार में सत्य, शांति, दया, क्षमा और मैत्री की स्थापन की थी…
कलियुग का अंत हो चुका है और इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए महापुरुष पंचसखाओं ने भविष्य मालिका ग्रंथों…
श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा है – “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं…
कलियुग की चतुर्युग गणना के अनुसार 4,32,000 वर्ष भोग होना चाहिए। परंतु मनुष्य कृत पाप कर्मों की कारण, कलि युग…
ब्रह्माण्ड तत्व के अनुसार संसार में क्रमशः चार युग का भोग होता है। उन चार युगों के नाम हैं- सतयुग,…
सत, त्रेता, द्वापर और कलियुग, इन चार युगों में भगवान के पंचसखा इस धरती पर जन्म लेते हैं। युग के…