कलियुग की वास्तविक आयु क्या है ?
यह कब समाप्त होगा?
कई ग्रंथों में लिखा है कि कलियुग की आयु 4 लाख 32 हजार वर्ष है। और अब तक उड़ीसा के जगन्नाथ रजिस्टर के अनुसार 5121 वर्ष और दक्षिण भारत के रजिस्टर के अनुसार 5119 वर्ष बीत चुके हैं। तो, कई लोगों के अनुसार, कलियुग अभी शुरू हुआ है और अंत अभी दूर है।
लेकिन पंचसखा के शास्त्र और भविष्य मलिका ग्रंथ के अनुसार, प्रत्येक युग धर्म के अनुसार अपनी आयु प्राप्त करता है। तो उन ग्रंथों के अनुसार चार युगों की कुल आयु अधिकतम 12000 वर्ष होगी और जो धर्म में सबसे धनी है उसकी आयु सबसे कम होगी।
इसलिए सतयुग की न्यूनतम आयु थी, उसके बाद त्रेता युग, द्वापर युग और अंत में, कलियुग की अधिकतम आयु थी। (हम कह सकते हैं कि एक युग की उम्र और उसमें धर्म के बीच संबंध उलटा है)। तो इन गणनाओं के अनुसार, वास्तविकता यह है कि कलियुग अपने अंत तक पहुँच गया है। हम तो बस इसके क्षितिज पर जी रहे हैं, जिसके बाद सतयुग का सतयुग आएगा।
कब ख़तम होगा?
भविष्य मलिका में यह भी बताया गया है कि कलियुग के 4 लाख 32 हजार वर्ष का भोग नहीं होगा। अनेक प्रकार के पापों के कारण यह आयु कट जाएगी। जो इस प्रकार है।
तुलसी की पूजा नहीं करना – 5000 वर्ष
भगवान विष्णु की पूजा नहीं करना – 10000 वर्ष
गोहत्या – 100000 वर्ष
श्मशान भूमि हड़पना – 40000 वर्ष
झूठ बोलना – 5000 वर्ष
माँ के साथ बुरा व्यवहार करना – 100000 वर्ष
अविश्वास -40000 वर्ष
ब्राह्मण महिलाओं का बुरा व्यवहार -30000 वर्ष
स्वयं पत्नी की हत्या -32000 वर्ष
पशु हत्या – 10000 वर्ष
पवित्र गंगा नदी में नग्न स्नान – 10000 वर्ष
विधवा महिलाओं से संबंध होने के कारण- 14000 वर्ष
दोस्त की हत्या – 6000 साल
दूसरे का खाना या पैसा चुराना – 10000 साल
अतिथि की सेवा न करने से – 6000 वर्ष
अपने माता-पिता की हत्या से – 9000 वर्ष
इस तरह कलियुग की आयु कम हो जाएगी और कलियुग का भोग केवल पांच हजार वर्षों तक ही रहेगा। कलियुग के युग के बारे में भी यही प्रमाण लिया जाना चाहिए। सभी युगों की आयु के प्रमाण को भी उतने ही वर्षों के आधार पर समझना चाहिए।
ध्यान रहे कि इससे पहले द्वापर युग गुजर चुका था। उनकी आयु भी शास्त्रों में 8 लाख 64 हजार वर्ष बताई गई है। जबकि भोग लगभग 2 हजार वर्ष तक ही चलता रहा। वह ऐसा था कि त्रेता युग के अंतिम चरण में भगवान श्री राम आए थे। वैज्ञानिक गणना के अनुसार उनका जन्म वर्ष 5114 ईसा पूर्व में हुआ था।
उनके स्वर्गारोहण के बाद, त्रेता युग समाप्त हो गया और द्वापर शुरू हो गया। द्वापर के अंत में भगवान श्रीकृष्ण आए थे। वैज्ञानिक गणना के अनुसार उनका जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था। इसलिए कानून के हिसाब से उनके बीच सिर्फ 2002 साल का अंतर था। इसलिए, द्वापर युग केवल दो हजार वर्षों में समाप्त हो गया।
तो कलियुग के 4 लाख 32 हजार साल कैसे भोगेंगे भाई?
कलियुग के बाद भगवान कल्कि अनंत युग की शुरुआत करेंगे जो 1009 साल तक चलेगा। पूरी दुनिया में सनातन धर्म ही रहेगा।