नवयुग की स्थापना में भक्तों की भूमिका-
प्रभुजी कल्कि राम जी ने धर्म संस्थापन करने के लिए अवतार ले लिया है। वर्तमान समय 2022 में प्रभुजी किशोर के रूप में हैं। जब एक शुद्ध आत्मा को भविष्य मलिका के रहस्यों एहसास होता है और उसे प्रभुजी कल्किराम की अनुभूति प्राप्त होती है। तो उसके जीवन की दिशा, भूमिका और जिम्मेदारियां बदल जाती है। वह भक्त खुद को आने वाले अनंत युग के लिए खुद को तैयार करता हैं। प्रभु का सच्चा भक्त अन्य लोगों को भी भविष्य मलिका के प्रकाश के माध्यम से मार्ग दर्शन भी करता हैं।
इस समय दो युगों के संधिकाल का समय है आप सत्संग का आयोजन कर समाज की शुद्ध आत्माओं से मुलाकात कर उन्हें निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराएं।
1) विश्व विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहा है।
2) 7 महामारियां आ रही हैं।
3) आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाओं की बहुत बड़े अनुपात में वृद्धि होगी।
भूकंप, बवंडर, ज्वालामुखी विस्फोट, दुनिया के सभी क्षेत्रों में बर्फ पिघलना, बाढ़, धरती के ध्रुव का बदलना और गृहयुद्ध, हिंसा आदि देखने को मिलेगीं। परिणाम स्वरूप, खंड प्रलय में 2030 तक पृथ्वी की आबादी सिर्फ 64 करोड़ तक हो जाएगी।
हर पवित्र आत्मा को यह जानने का अधिकार है कि क्या खतरे आने जा रहे हैं। और क्या वास्तव में प्रभुजी ने अवतार लिया है। इसलिए हर भक्तों का यह नैतिक कर्तव्य है कि वे आज के समाज के लिए प्रकाश का मार्ग दिखाएं और उन्हें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन करें। दूसरी बात कि भक्तों को चाहिए कि वे प्रभुजी के धर्म संस्थापन कार्य में हर तरह से कार्य करने के लिए हमेशा तैयार रहें। सभी भक्तों के बीच अपने सर्वोत्तम प्रयासों के माध्यम से प्रेम और एकता बनाए रखें। जब माधव नाम लोकप्रिय हो जाएगा और भक्तों के अच्छे प्रयासों से पूरी दुनिया में हर तरफ फैल जाएगा। तो हर भक्त की भूमिका आने वाले नए युग का आधार बनेगी ।